राही हूँ, चलता हूँ मैं
Best Self motivational poems in hindi
राही हूँ चलता हूँ मैं
सुबह से लेकर शाम तक,
चलता ही रहता हूं मैं ।
राही हूँ चलता हूँ मैं ....... 2
बीच रास्ते रुक जाऊं ?
रुकना मेरा काम नहीं ।
जीवन तो संघर्ष है,
एक पल भी आराम नहीं ।।
लाख टोकते लोग मुझे कुछ कभी नहीं कहता हूं मैं ।
राही हूँ चलता हूँ मैं ....... 2
चलते चलते बीच राह में,
ठोकर खाकर गिर जाना ।
राह चला जो तय है उसका,
थोड़ा थोड़ा घबराना ।।
आते जाते लोगों से बस यही बोलता हूं मैं ।
राही हूँ चलता हूँ मैं ....... 2
किस्मत का है क्या भरोसा ?
कब ? कैसे ? ये देगी धोखा ?
जीवन में कुछ भी करने का,
मिलता है बस एक ही मौका ।।
बस उसी एक मौके का संधान किया करता हूं मैं ।
राही हूँ चलता हूँ मैं ....... 2
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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