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संघर्ष की डगर (मोटिवेशनल कविता) Motivational poem for Youth in Hindi

 संघर्ष की डगर  (मोटिवेशनल कविता)
Motivational poem for Students in Hindi

Motivational poem for students in hindi

हो जाए घनघोर अंधेरा,
होता जब सूर्य निकलने को ।
छा जाते हैं काले बादल,
धवल चरित्र निगलने को ।।

चिढ़ाते हैं वे वानर भी,
जिनकी सूरत पे दाग है ।
कामी, भोगी सिखलाते हैं,
क्या प्रेम है ? क्या त्याग है ?

चाहते वे घायल करना,
कटु वाणी की धार से ।
लेकिन डरते हैं हरदम,
निर्भीक सत्य की मार से ।।

परंतु,
सत्यकामी और परदुखकातर नर,
सदा ही सत्य की राह चुनता है ।
बाहरी आवरण को त्यागकर,
अंतः मन की बातें सुनता है ।।

आलोचनाओं के महासागर,
लहरों के साथ लड़ता है ।
लेकर पतवार सत्य का,
एक दिन पार उतरता है ।।

कर देता न्यौछावर जीवन,
सबके जख्मों को भरता है ।
सबका होकर वो एक दिन,
मरकर अमर हो जाता है ।।


© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 

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