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जिंदा लाश हो गया हूँ, मैं, (Sad love Poem in hindi on Life)

  जिंदा लाश हो गया हूँ, मैं, 
 Sad love Poem in hindi on Life
                                 
Sad love Poem in Hindi
                 
ये सच है,
कि तेरे बिना,
 ज़िंदा लाश हो गया हूँ, मैं। 

  टूट गया हूँ,
 और खुद से,
 निराश हो गया हूँ,
जिंदा लाश हो गया हूँ, मैं। 

करता हूँ, बनावटी बातें,
सबके सामनें मैं हँसता हूँ। 
अब कैसे ये कहूँ ?
कि, हर-पल तड़पता हूँ।।  

हाँ !
 ये सच है,
कि तेरे बिना,
 अब मज़ाक बन गया हूँ, मैं 
जिंदा लाश हो गया हूँ, मैं। 

खुद से, निराश हो गया हूँ, मैं,
         जिंदा लाश हो गया हूँ, मैं।       
 
© कवि आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर - प्रदेश 

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