नाम अपना कर रहा हूँ
(Life Motivational Poem in Hindi)
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Life Motivational Poem in Hindi |
डर गया होता यदि तो,
बोलते बुजदिल सभी ।
वो भी हो जाता सफर में,
जो हुआ है ना कभी ।।
लोग क्या कहते मुझे,
इसका यदि परवाह करता ।
जी नहीं पता सही से ।
हर समय घुट घुट के मरता ।।
इसलिए चुपचाप अब, सब काम अपना कर रहा हूँ ।
मुश्किलों के दौर में भी, नाम अपना कर रहा हूँ ।।
जो कहीं तुमको मिलें जो,
थे मेरे अपने कभी ।
उनसे कहना आजकल मैं,
ठीक रहता हूँ अभी ।।
घाव भी जितने मिले थे,
ठीक सारे हो गए हैं ।
छोड़कर जो मतलबी थे ।
दूर जबसे हो गए हैं ।।
मतलबी लोगों का मैं, आभार दिल से कर रहा हूँ ।
मुश्किलों के दौर में भी, नाम अपना कर रहा हूँ ।।
क्या किसी ने है कहा ?
मुझसे नहीं पूछे कोई।
हो सके तो प्यार से,
बस नाम ले मेरा कोई।।
मैं जमीं पर लेटकर भी,
अपनी रातें काट लूँगा।
किस तरह से जी रहा हूँ,
पर किसी से ना कहूँगा।।
जिसके जो मन वो कहे, मैं राह अपने चल रहा हूँ।
मुश्किलों के दौर में भी, नाम अपना कर रहा हूँ ।।
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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