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महान देश की महान शान को प्रणाम है (Patriotic Poetry in Hindi - Hindi Chhand Kavita)

महान देश की महान शान को प्रणाम है
 (Patriotic Poetry in Hindi - Hindi Chhand Kavita)

 (Patriotic Poetry in Hindi - Hindi Chhand Kavita)

About this 
चामर छंद में रचित यह कविता महान भारत देश की महानता को समर्पित है । जो कवि आशीष उपाध्याय ' एकाकी ' जी के द्वारा रचित है ।

हरी भरी धरा नवीन भोर को प्रणाम है ।
प्रचंड तेज से उठे किलोल को प्रणाम है ।।

दहाड़ते चले गए जवान को प्रमाण है ।
महान देश की महान शान को प्रणाम है ।।

करें सभी अखंड देश की सदैव वंदना ।
प्रवीणता बढ़े सदा रहे नहीं प्रवंचना ।।

वसुंधरा पुकारती रुको नहीं बढ़े चलो ।
चुनो नहीं विलासिता वसंत सा खिले चलो ।।

© आशीष उपाध्याय ' एकाकी '
      गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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