तुम ग़ज़ल हो मेरी
(Best Romantic Poems of all Time in Hindi)
काजल से सनी आंखों में तकने दो मुझे,
दो घूंट मद का प्याले में रखने दो मुझे |
ना जाने कब देखूंगा, प्यारी नीलम आंखों को,
सुनहरे पलकों पे एक रात रुकने दो मुझे ||
अजीब मदहोशी का आलम बनाया है तुमने,
जवान हवाओं में प्यार भरने दो मुझे |
चढ़ रही है खुमारी तेरे अल्हड़ जुल्फों की,
अपने होठों पे होठ तो धरने दो मुझे ||
शरमाना छोड़ दो सावन,
अनाड़ी बादलों सा बरसने दो मुझे |
ना बढ़ावो दूरियां रुक जाएंगी सांसें मेरी,
तुम ग़ज़ल हो मेरी तनिक छेड़ने दो मुझे ||
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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