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मेरे भारत देश की, जनता है बकलोल (Chunav aur netao par kavita in Hindi)

मेरे भारत देश की, जनता है बकलोल 
(Chunav aur netao par kavita in Hindi)

Chunav aur Netao par Kavita Hindi me

कुण्डलिया छन्द 

मेरे भारत देश की, जनता है बकलोल ।
लगा नहीं पाती कभी, निज वोटों का मोल ।।
निज वोटों का मोल, उन्हें कोई समझाए ।
कौन बड़ा है चोर, ये पक्की बात बताए ।।
देकर आना वोट, हरे दुख को जो तेरे ।
तभी कहोगे आप, सही हैं नेता मेरे ।।

© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश 


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