मेरे भारत देश की, जनता है बकलोल
(Chunav aur netao par kavita in Hindi)
![]() |
Chunav aur Netao par Kavita Hindi me |
कुण्डलिया छन्द
मेरे भारत देश की, जनता है बकलोल ।
लगा नहीं पाती कभी, निज वोटों का मोल ।।
निज वोटों का मोल, उन्हें कोई समझाए ।
कौन बड़ा है चोर, ये पक्की बात बताए ।।
देकर आना वोट, हरे दुख को जो तेरे ।
तभी कहोगे आप, सही हैं नेता मेरे ।।
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
0 Comments
Please do not enter any spam in the comment box.
Emoji