चिड़िया रानी एक दिन कभी, मेरे घर भी आओ ना
(ladkiyon par kavita Hindi Me)
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जाने कौन देश से आती हो।
और फिर फुर्र हो जाती हो
चिड़िया रानी एक दिन कभी
मेरे घर भी आओ ना।।
मैं दूँगा सम्मान तुमको,
ना होगा मन अवसाद तुम्हारा।
मेरे आँगन में कभी,
दो गीत सुनाओ ना।।
मैं कर दूँगा त्याग अपना,
तेरी खातिर सब खुशियाँ ।
आकर मेरे घर पर भी,
दो दानें खाओ ना।।
लगाया है मैंने नीम और कदंब का पेड़,
और उसमें एक प्यारा सा झूला भी लगाया है।
तुम आओ झुलो, नाचो, गाओ और करो मन भर बातें मुझसे,
अपने मीठे स्वर में तुम, चहचहाओं ना।।
चिड़िया रानी एक दिन कभी
मेरे घर भी आओ ना।।
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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