रखो प्रेम का भाव, कृष्ण राधा के जैसे
(Radha Krishna Par Prem Kavita Hindi me Short)
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Radha Krishna Par Prem Kavita |
कुण्डलिया छन्द
वैसे तो हर चीज का, हो जाता है अंत ।
लेकिन हरदम जो रहे, वो है प्रेम बसंत ।।
वो है प्रेम बसंत, सदा जो मन को भाए ।
मन हो जाए संत, तभी यह मौसम आए ।।
रखो प्रेम का भाव, कृष्ण राधा के जैसे ।
चाहेंगे सब लोग, तुम्हें भी बिल्कुल वैसे ।।
© आशीष उपाध्याय "एकाकी"
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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