गलत राह पे चलते चलते अच्छाई से डर लगता है ।
Self Motivation Poem Hindi
गलत राह पे चलते चलते अच्छाई से डर लगता है ।
सारी झूठी बातों में सुख, सच्चाई से डर लगता है।।
बुरी तरह से फंसा हुआ हूं, दुनियाँ के जंजालों में,
कैसे इस दलदल से निकलूं ? बेचैनी है, डर लगता है ।।
देख दूर से चमक झूठ की, मैं दौड़ा - दौड़ा आया ।
पास तनिक आकर देखा तो, पता चला ये है माया ।।
अब आगे न जा पाऊंगा, मन मेरा ये कहता है ।
फंसकर खुद के बुने जाल में, हर पल रोता रहता है ।।
© आशीष उपाध्याय ' एकाकी '
कवि । लेखक । अध्यापक
0 Comments
Please do not enter any spam in the comment box.
Emoji