वो कृष्ण हमारे क्या लगते हैं ? श्रीकृष्ण पर कविता
Poem on Krishna in Hindi
यही प्रश्न आता है मन में,
घर में रहूं कि या उपवन में ।
चाहे जहां कहीं भी जाऊं,
सभी जगह उनको ही पाऊं ।।
मोर मुकुट जिनके हैं जो, होठों पर मुरली धरते हैं ।
वो कृष्ण हमारे क्या लगते हैं ........ २
जिनके मुख से निकली गीता,
निर्मल जैसे माता सीता ।
जिनसे ये संसार हुआ है,
घर - घर में उजियार हुआ है ।।
चलो सत्य के साथ सदा जो, बात - बात पे ये कहते हैं ।
वो कृष्ण हमारे क्या लगते हैं ........ २
जिनका जीवन ही युद्ध था,
मामा जिनका अतीव क्रुद्ध था ।
जन्म लिया गोकुल में आए,
माता को बिन गले लगाए ।।
त्याग जरूरी सत्य राह पर, जन्म काल से जो कहते हैं ।
वो कृष्ण हमारे क्या लगते हैं ........ २
© आशीष उपाध्याय ' एकाकी '
कवि । लेखक । अध्यापक
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