खुद पे खुद का अत्याचार - चौपई छंद
Self Motivational Poem in Hindi
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Self Motivational Poem in Hindi |
बात सहज कहता हूं आज ।
नहीं तनिक इसमें है राज ।।
देख आदमी खुद में खोट ।
देता है खुद को ही चोट ।।
औरों से रखके वो आस ।
होता रहता सदा उदास ।।
फिर जब मिलती उससे चोट ।
त्वरित देखता खुद में खोट ।।
यही काम चलता हर बार ।
खुद पे खुद का अत्याचार ।।
ऐसे ही उलझे हैं लोग ।
इसे जानिए मन का रोग ।।
© आशीष उपाध्याय ' एकाकी '
कवि । लेखक । अध्यापक
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