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संत जन तारिणी माँ , सर्व दुख हरिणी माँ (Poety on Maa Durga in Hindi)

संत जन तारिणी माँ , सर्व दुख हरिणी माँ
 (Poety on Maa Durga in Hindi)

संत जन तारिणी माँ , सर्व दुख हरिणी माँ (Poety on Maa Durga in Hindi)
Poetry on Maa Durga in Hindi

माँ दुर्गा की आराधना (घनाक्षरी/कवित्त छंद में)

संत जन तारिणी माँ , सर्व दुख हरिणी माँ ।
सब ओर गूंजता जो आपका ही नाम है ।।

आपके ही नाम जाप से मिला मुझे प्रताप ।
आपके निमित्त ही माँ सर्व सुख धाम है ।।

देख दीनता मेरी माँ आपने दिया जो प्यार ।
उस प्यार को संभालना ही एक काम है ।।

आपकी ही प्रार्थना से जिंदगी खिली हुई है ।
दिन रात आपका है आपकी ही शाम है ।।

© आशीष उपाध्याय ' एकाकी '
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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