"मेरा प्यार नज़र आया"
(Hindi Prem Kavita Romantic Poems)
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जब बहारों ने बाहों में भर के चूमा तो,
मौसम गुलज़ार नज़र आया ।
जब - जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया ।।
तेरे प्रेम की अभिलाषा में मैंने,
तुझे अपनों में अमर किया ।
तेरी एक झलक खातिर,
अनगिनत गैरों समर किया ।
तव शीतल पूनम स्वभाव का,
प्रभाव मन को भाया ।
जब - जब देखा चाँद को,
मेरा प्यार नज़र आया ।।
© आशीष उपाध्याय ' एकाकी '
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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